अपसारी एवं अभिसारी चिंतन क्या है ?
अपसारी एवं अभिसारी चिंतन से संबंधित विचार गिल्फोर्ड ने सन 1956 में प्रस्तुत किये--
A.अपसारी चिंतन ( Divergent Thinking ) -
जब किसी व्यक्ति के सामने कोई समस्या रखी जाती है एवं उस समस्या के समाधान के लिए वो व्यक्ति अपनी कल्पनाशक्ति एवं सृजनत्मकता का प्रयोग करता है तथा उस समस्या के समाधान के रूप में एक से अधिक हल प्रस्तुत करता है तो इस प्रकार के चिंतन को अपसारी चिंतन कहते हैं।
उदाहरण - जब कक्षा में एक शिक्षक किसी विद्यार्थी से प्रश्न करता है कि यदि तुम्हारे पंख लगे होते तो तुम क्या करते ??
इस प्रश्न का कोई सटीक उत्तर नहीं है अतः ऐसी स्थिति में बालक इसके बारे में कल्पना करेगा और फिर अपने विचार कुछ इस तरह से प्रस्तुत करेगा---
1. मुझे घूमना बहुत पसंद है अगर मेरे पंख होते तो मैं पूरी दुनियां को सैर करता।
2. मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त था अब वो विदेश पढ़ने चला गया, अगर मेरे पंख होते तो जब भी मेरा मन होता मैं उससे मिलने चला जाता ।
3. अगर मेरे पंख होते तो मैं आसमान में पक्षियों के साथ उड़ने की रेस लगाता।
अतः यहाँ पर बालक ने अपसारी चिंतन का प्रयोग कर के प्रश्न का उत्तर दिया है।
अपसारी चिंतन के बारे में महत्वपूर्ण बिंदु--
1. इसके द्वारा खोजा गया समाधान मुक्त अंत ( Open Ended ) वाला होता है।
2. इसमे सृजनत्मकता को बढ़ावा दिया जाता है।
3.इसमें किसी समस्या के एक से अधिक हल होते हैं। जैसे कि उपरोक्त उदाहरण।
4. यह रूढ़िबद्ध नहीं है अर्थात किसी एक ही बिंदु पर केंद्रित होकर उसका समर्थन नहीं करता बल्कि उसका पूरा अवलोकन कर के एक से अधिक नतीजे प्रस्तुत करता है। जैसे उपरोक्त उदाहरण
5.इसमें लचीलापन है।
6. ये कल्पनाशीलता को बढ़ावा देता है।
7.ये एक प्रकार का पार्श्व चिंतन है।
अतः जिस चिंतन में उपरोक्त गुण दिखाई दें वहाँ पर अपसारी चिंतन होगा।
B. अभिसारी चिंतन ( Convergent thinking ) -
इसमें समस्या एक ही बिंदु पर केंद्रित होती है तथा समस्या का एक ही हल होता है।
उदाहरण -- जब शिक्षक बालक से प्रश्न करता है कि बताओ उत्तर प्रदेश की राजधानी क्या है??
तो बालक उत्तर देता है कि लखनऊ।
इस प्रश्न का उत्तर एक ही बिंदु पर केंद्रित है, की उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ही है, कोई और नहीं ।
अतः यहाँ पर बालक अभिसारी चिंतन का प्रयोग कर के प्रश्न का उत्तर देता है।
अभिसारी चिंतन के बारे में महत्वपूर्ण बिंदु--
1.इसके द्वारा खोजा गया समाधान बन्द अंत ( Closed Ended ) होता है।
2. ये बुद्धि को बढ़ावा देता है या बुद्धि से सम्बंधित है।
3.इसमे गति होती है अर्थात इसे द्वारा शीघ्र समाधान प्रस्तुत किया जाता है।
4. इसके द्वारा खोजे गए समाधान अधिक शुद्ध होते हैं।
5.ये तथ्यों पर आधारित होता है।
6.ये ज्यादा प्रतिष्ठत होता है।
7. ये एक प्रकार का रैखिक चिंतन है।
जिस चिंतन में उपरोक्त गुण दिखाई दें वो अभिसारी चिंतन होगा।
अपसारी एवं अभिसारी चिंतन से संबंधित विचार गिल्फोर्ड ने सन 1956 में प्रस्तुत किये--
A.अपसारी चिंतन ( Divergent Thinking ) -
जब किसी व्यक्ति के सामने कोई समस्या रखी जाती है एवं उस समस्या के समाधान के लिए वो व्यक्ति अपनी कल्पनाशक्ति एवं सृजनत्मकता का प्रयोग करता है तथा उस समस्या के समाधान के रूप में एक से अधिक हल प्रस्तुत करता है तो इस प्रकार के चिंतन को अपसारी चिंतन कहते हैं।
उदाहरण - जब कक्षा में एक शिक्षक किसी विद्यार्थी से प्रश्न करता है कि यदि तुम्हारे पंख लगे होते तो तुम क्या करते ??
इस प्रश्न का कोई सटीक उत्तर नहीं है अतः ऐसी स्थिति में बालक इसके बारे में कल्पना करेगा और फिर अपने विचार कुछ इस तरह से प्रस्तुत करेगा---
1. मुझे घूमना बहुत पसंद है अगर मेरे पंख होते तो मैं पूरी दुनियां को सैर करता।
2. मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त था अब वो विदेश पढ़ने चला गया, अगर मेरे पंख होते तो जब भी मेरा मन होता मैं उससे मिलने चला जाता ।
3. अगर मेरे पंख होते तो मैं आसमान में पक्षियों के साथ उड़ने की रेस लगाता।
अतः यहाँ पर बालक ने अपसारी चिंतन का प्रयोग कर के प्रश्न का उत्तर दिया है।
अपसारी चिंतन के बारे में महत्वपूर्ण बिंदु--
1. इसके द्वारा खोजा गया समाधान मुक्त अंत ( Open Ended ) वाला होता है।
2. इसमे सृजनत्मकता को बढ़ावा दिया जाता है।
3.इसमें किसी समस्या के एक से अधिक हल होते हैं। जैसे कि उपरोक्त उदाहरण।
4. यह रूढ़िबद्ध नहीं है अर्थात किसी एक ही बिंदु पर केंद्रित होकर उसका समर्थन नहीं करता बल्कि उसका पूरा अवलोकन कर के एक से अधिक नतीजे प्रस्तुत करता है। जैसे उपरोक्त उदाहरण
5.इसमें लचीलापन है।
6. ये कल्पनाशीलता को बढ़ावा देता है।
7.ये एक प्रकार का पार्श्व चिंतन है।
अतः जिस चिंतन में उपरोक्त गुण दिखाई दें वहाँ पर अपसारी चिंतन होगा।
B. अभिसारी चिंतन ( Convergent thinking ) -
इसमें समस्या एक ही बिंदु पर केंद्रित होती है तथा समस्या का एक ही हल होता है।
उदाहरण -- जब शिक्षक बालक से प्रश्न करता है कि बताओ उत्तर प्रदेश की राजधानी क्या है??
तो बालक उत्तर देता है कि लखनऊ।
इस प्रश्न का उत्तर एक ही बिंदु पर केंद्रित है, की उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ही है, कोई और नहीं ।
अतः यहाँ पर बालक अभिसारी चिंतन का प्रयोग कर के प्रश्न का उत्तर देता है।
अभिसारी चिंतन के बारे में महत्वपूर्ण बिंदु--
1.इसके द्वारा खोजा गया समाधान बन्द अंत ( Closed Ended ) होता है।
2. ये बुद्धि को बढ़ावा देता है या बुद्धि से सम्बंधित है।
3.इसमे गति होती है अर्थात इसे द्वारा शीघ्र समाधान प्रस्तुत किया जाता है।
4. इसके द्वारा खोजे गए समाधान अधिक शुद्ध होते हैं।
5.ये तथ्यों पर आधारित होता है।
6.ये ज्यादा प्रतिष्ठत होता है।
7. ये एक प्रकार का रैखिक चिंतन है।
जिस चिंतन में उपरोक्त गुण दिखाई दें वो अभिसारी चिंतन होगा।
Bahut hi achhe se samjhaya aapne. Realy bahut achhe se aa gya. Mai is prashn ke lie bahut pareshan thha.
ReplyDeleteHello
DeleteThank you so much sir
Deleteजी
DeleteBhut hi acha samjya apne
ReplyDeleteVery helpful
ReplyDelete👌👌👌👌👌👌
ReplyDeleteNice explanation.....
ReplyDeleteMujhe aj tk
ReplyDeletenhi smjh aata Tha but aaj padh ke samjh aa gya bhut ache se smjhaya gya hai
Good teacher
ReplyDeleteNice explanation
ReplyDeleteNice topic dout clear
ReplyDeleteNice topic dout clear
ReplyDeleteआपके बताने के बाद अब शायद कभी न भूल पाएंगे😊
ReplyDeleteबहुत अच्छे से समझाया है
Very helpful to learn
ReplyDeleteBahut Bahut Dhanyawaad
ReplyDeleteBahut hi badiya smjhaya gya hai....too good
ReplyDeleteVery helpful
ReplyDeleteVery sufficient and helpful
ReplyDeleteThank you😃
Thanks
ReplyDeleteTnx
ReplyDeleteVery nice explanation
ReplyDeleteThank u sir ji
ReplyDeleteसाधारण भाषा मे सटीक परिभाषा👌...
ReplyDeleteThnk you so much....
ReplyDeleteबहुत अच्छा समझाया गया है
ReplyDeleteBahut hi helpful hai ye thaks
ReplyDeleteगजब
ReplyDeletevery nice
ReplyDeleteBhut hi achha samjhaya appne
ReplyDeleteSuper Gurudev
ReplyDeleteThanku
ReplyDeleteThanks🙏🙏
ReplyDeleteथैंक्यू बहुत ही बढ़िया लेख
ReplyDeleteलाजवाब सर
ReplyDeleteबहुत है शानदार समझाया है आपने
❤
Thnx
ReplyDelete🙂 nice
ReplyDeleteAagman aur nigman vidhi kya h
ReplyDeleteBhut shandar ji
ReplyDelete👌
ReplyDeleteबहुत अधिक प्रभावशाली व्याख्या की है सरल और शुक्ष्म शब्दो में बड़ी आसानी से समझ आ जाता है
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