व्यक्तित्व (Personality)
व्यक्तित्व का अर्थ एवं प्रकार :-
सामान्यतः व्यक्तित्व से अभिप्राय व्यक्ति के रूप, रंग, कद, लंबाई, चैड़ाई, मोटाई, पतलापन अर्थात शारीरिक संरचना, व्यवहार तथा मृदुभाषी होने से लगाया जाता है। व्यक्तित्व में एक मनुष्य के न केवल शारीरिक और मानसिक गुणों का, वरन् उसके सामाजिक गुणों का भी समावेश होता है।
मन के शब्दों में – ‘‘व्यक्तित्व की परिभाषा, व्यक्ति के ढांचे, व्यवहार की विधियों, रूचियों, अभिवृत्तियों, क्षमताओं, योग्यताओं और कुशलताओं के सबसे विशिष्ट एकीकरण के रूप में की जा सकती है।’’
वुडवर्थ के अनुसार ‘‘ व्यक्तित्व व्यक्ति की संपूर्ण गुणात्मकता है।’’
आलपोर्ट के अनुसार, ‘‘व्यक्तित्व, व्यक्ति के भीतर के उन मनोदैहिक गुणों का गत्यात्मक संगठन है जो उसके वातावरण से अपूर्व अभियोजन को निर्धारित करता है।’’
व्यक्तित्व के प्रकार :-
व्यक्तित्व का वर्गीकरण अनेक विद्वानों द्वारा अनेक प्रकार से किया गया है। इनमें से निम्न तीन वर्गीकरणों को साधारणः स्वीकार किया जाता है।
1. शरीर रचना प्रकार।
2. समाजशास्त्रीय प्रकार।
3. मनोवैज्ञानिक प्रकार।
संतुलित व्यक्तित्व की विशेषताएँ :-
व्यक्तित्व शब्द में अनेक विशेषताएं निहित होती हैः-
व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले कारक
व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले कारक निम्न हैः-
व्यक्तित्व मापन की विधियां:-
व्यक्तित्व को अनेक गुणों या लक्षणों का गठन माना जाता है। इन गुणों के कारण कोई मनुष्य उत्साहपूर्ण तो कोई उत्साहहीन, कोई मिलनसार, तो कोई एकान्तप्रिय, कोई चिन्तामुक्त, तो कोई चिन्ताग्रस्त होता है।
व्यक्तित्व मापन के लिये विभिन्न प्रविधियों का प्रयोग किया जाता है, जो दो दृष्टिकोणों पर आधारित है- अणुवादी दृष्टीकोण तथा सम्पूर्णवादी दृष्टिकोण।
मापन किसी भी दृष्टिकोण से किया जाये पर हमें यही मानकर चलना पड़ेगा कि व्यक्तित्व व्यक्ति के विभिन्न शीलगुणों का एक विशिष्ट संगठन है जो व्यवहार या इन गुणों द्वारा अपने को अभिव्यक्त करता है।
सामान्यतः व्यक्तित्व का मापन, दूसरे व्यक्ति के प्रभाव, विचार तथा निर्मित धारणा पर निर्भर है।
व्यक्तित्व मापन की तीन प्रमुख विधियां हैः-